औघड-अघेरेश्वर वही होते है जिनमें अपार करूणा होती है,संवेदना होती है,जो अघ़ण होते हैंा किसी तरह के भेद-भाव तथा घणा से दूर रहकर औघड-अघोरेश्वर सभी के हित तथा सुख के लिए और समाज तथा राष्ट की सुव्यवस्था के लिए सतत चिंतित तथा प्रयत्न शील रहते है ा यह लोग श्वपच बन्धुओ के साथ भी रहते हैं और खाते पीते हैं ा यह आत्म मे, आत्म बुद्वि में विश्वास रखते हैंा
आलपिन का सफरनामा #शब्दकौतुक
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*चुभाने-जोड़ने की चीज़ें*
▪हिंदी में गाँव से शहर तक और बच्चों से बूढ़ों तक समान भाव से बोला जाने वाला
शब्द है 'आलपिन' जो यूरोप के सुदूर दक्षिणी पश्चिमी ...
1 महीना पहले
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