यह रात्रि ही मॉ का स्वरूप है जिसकी अधियारी में से प्रकाश के दर्शन सुलभ होते है ा मॉ रात्रि रूप हैं और सभी जीवो को अपनी गोद में लेकर सुलाती है और उन्हे नव चेतना प्रदान करती है ा निशा है ा उसके आते ही सब दीप जल उठते हैा उषा उद्यमशील बनाती है ा मनुष्य ही नही, संसार के सभी थके प्रणियो को नवचेतना निशा देती हैा
आलपिन का सफरनामा #शब्दकौतुक
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*चुभाने-जोड़ने की चीज़ें*
▪हिंदी में गाँव से शहर तक और बच्चों से बूढ़ों तक समान भाव से बोला जाने वाला
शब्द है 'आलपिन' जो यूरोप के सुदूर दक्षिणी पश्चिमी ...
1 महीना पहले
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