बुधवार, 7 दिसंबर 2011

माला3


यह रात्रि ही मॉ का स्‍वरूप है जिसकी अधियारी में से प्रकाश के दर्शन सुलभ होते है ा मॉ रात्रि रूप हैं और सभी जीवो को अपनी गोद में लेकर सुलाती है और उन्हे नव चेतना प्रदान करती है ा निशा है ा उसके आते ही सब दीप जल उठते हैा उषा उद्यमशील बनाती है ा मनुष्‍य ही नही, संसार के सभी थके प्रणियो को नवचेतना निशा देती हैा

0 टिप्पणियाँ:

अघोरान्‍नामपरौमंत्र:नास्तितत्‍वमगुरौपरम

Free HTML

 
Design by Wordpress Theme | Bloggerized by Free Blogger Templates | coupon codes